राजस्व ग्राम सार्वजनिक संपत्ति रजिस्टर |
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ग्राम क्रमांक : | 203326 |
ग्राम का नाम : | लोहराखोर |
तहसील : | केराकत |
जनपद : | जौनपुर |
फसली वर्ष : | 1428-1433 |
भाग : | 1 |
ग्राम क्रमांक : 203326
ग्राम का नाम : लोहराखोर
तहसील : केराकत
जनपद : जौनपुर
फसली वर्ष :1428-1433
भाग : 1
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1 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7-12 | 13 | |||||||||||||
खाता खतौनी क्रम संख्या | खातेदार का नाम / पिता पति संरक्षक का नाम / निवास स्थान | भौमिक अधिकार प्रारम्भ होने का वर्ष | खाते के प्रत्येक गाटे की खसरा संख्या | प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.) | खातेदार द्वारा देय मालगुजारी या लगान | परिवर्तन सम्बन्धी आज्ञा या उसका सारांश उनकी संख्या तथा दिनाँक सहित और आज्ञा देने वाले आधिकारी का पद | टिप्पणी | ||||||||||||
1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
1क(क) - रिक्त ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो। | |||||||||||||||||||
00438 |
रामअवध / रामचन्दर / नि. ग्राम |
1402फ0 |
371मि0 |
0.0200 |
00434 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.0200 | 0.5 | ||||||||||||||||
00439 |
विमल कु मार / रामचन्दर / नि. ग्राम |
1402फ0 |
371मि |
0.0200 |
00435 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.0200 | 0.5 | ||||||||||||||||
श्रेणीवार कुल योग | 2 | 0.0400 | 1.00 | ||||||||||||||||
3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। | |||||||||||||||||||
00440 |
कतवारू / विश्वनाथ / नि. ग्राम |
1375फ0 |
288 |
0.1460 |
00436 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.1460 | 0.0 | ||||||||||||||||
00441 |
रामचन्दर / जन्गी / नि. ग्राम रामवली / जन्गी / नि. ग्राम |
1382फ0 |
358स0 |
0.0850 |
00437 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.0850 | 0.0 | ||||||||||||||||
श्रेणीवार कुल योग | 2 | 0.2310 | 0.00 | ||||||||||||||||
4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद) | |||||||||||||||||||
00442 |
नवीन परती / 0000 / नि. ग्राम |
0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 0000 |
41 87 91 95 117 120 184स0 189 206 346 353 360 370 375 377 378 382 432स0 449 450 479 519मि0 525 549 551मि0 563मि0 702 714 123/753 122/755 |
0.0160 0.0040 0.0160 0.0200 0.0040 0.0360 0.1580 0.0040 0.0040 0.0080 0.0200 0.0160 0.0160 0.0080 0.0080 0.0120 0.0160 0.0080 0.0080 0.0160 0.0080 0.1910 0.0970 0.0320 0.0080 0.4500 0.0080 0.0080 0.0240 0.0810 |
1430 फसली- आदेशानुसार न्यायालय अपर आयुक्त, न्यायिक (प्रथम) वाद सं0 C2006140000895 बद्री बनाम गावसभा अन्तर्गत धारा 333 अधिनियम उ0प्र0ज0वि0भू0व्य0 अधिनियम 1950 ता0फै0 13-12-2019 को आदेश हुआ कि प्रश्नगत निगरानी उ0प्र0 ज0वि0 भू0 व्य0 अधिनियम की धारा 333 के अन्तर्गत बद्री पुत्र पुनवाशी निवासी मौजा लोहरा खोर, परगना व तहसील केराकत, जिला जौनपुर द्वारा गाँवसभा व अन्य को बतौर विपक्षी पक्षकार बनाते हुए वाद संख्या- 146/190 अन्तर्गत धारा-229 बी. जमींदारी विनाश अधिनियम बद्री बनाम गाँवसभा में विद्वान उपजिलाधिकारी, केराकत जौनपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक- 09-12-2004 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है । दौरान मुकदमा निगरानीकर्ता बद्री की मृत्यु हो गयी और उनके स्थान पर उनके पुत्र कतवारू तथा पत्नी श्रीमती परुषोतमा देवी को प्रतिस्थापित किया गया ।
2- निगरानी में अंकित किया गया है कि अवर न्यायालय का आदेश साक्ष्यों के विपरीत है तथा अवर न्यायालय ने अपने मस्तिष्क व विवेक का प्रयोग किये बिना काल्पनिक रूप से आदेश पारित किया है, इसलिए अवर न्यायालय के आदेश को निरस्त करके उनके वाद को डिक्री किया जाय । बहस में यह कहा गया कि वादग्रस्त भूमि का पट्टा वर्ष 1971 में उनके पिता बद्री के पक्ष में हुआ था तब से वह भूमि पर काबिज दाखिल थे और अभिलेखों में उनका नाम अंकित था, किन्तु बाद में अभिलेखों से उनका नाम बिना किसी आदेश के कट गया जिसके लिए उन्होंने अवर न्यायालय में घोषणात्मक वाद योजित किया । उनके द्वारा अवर न्यायालय में अभिलेखीय व मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत किये गये । अभिलेखीय साक्ष्यों में इनके द्वारा वादग्रस्त भूमि की तत्समय की उद्धरण खतौनी, मूल इकरारनामा रजिस्टर मालिकान की नकल मूल पट्टा रसीद 1379, 1386, 1386 से 1391 फसली की खतौनी की नकलें 1385, 1386 व 1387 फसली खसरे की नकलें दाखिल की गयीं जिनसे यह स्पष्ट होता है कि वादग्रस्त भूमि मूल रूप में बंजर खाते की भूमि थी जिस पर पट्टे के आधार पर बद्री का नाम दर्ज कर दिया गया जो बाद में बिना किसी आदेश के खारिज हो गया । अवर न्यायालय में तत्कालीन ग्राम प्रधान की बयान तहरीरी भी दाखिल हुई थी जिसमें भी पट्टा किये जाने की बात अंकित है । मौखिक साक्ष्यों में बद्री पुत्र पुनवाशी, कल्लू राजभर व श्यामदेव के बयान अंकित किये गये जिनसे निगरानीकर्ता के कब्जे की पुष्टि होती है । बहस में कहा गया कि इस तरह उनका दावा सिद्ध था, किन्तु अवर न्यायालय ने बिना अभिलेखों का परिशीलन किये गलत रूप में उनके वाद को खारिज कर दिया गया । अन्त में उनके द्वारा अवर न्यायालय के आदेश को निरस्त करने तथा वाद को उनके पक्ष में डिक्री किये जाने का अनुरोध किया गया ।
03- विपक्षी गाँवसभा की ओर से कोई लिखित आपत्ति नहीं दी गयी । बहस में कहा गया कि भूमि हरगिज उनकी नहीं है और न ही पट्टे का पर्याप्त सबूत है । भूमि पर कब्जा होने व जोतने–बोने का पर्याप्त साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किया गया था । यह भी कहा गया कि दौरान चकबन्दी निगरानीकर्ता द्वारा कोई वाद प्रस्तुत नहीं किया गया था, इसलिए उनका वाद धारा 49 से बाधित था, इसलिए भी अवर न्यायालय ने उनके वाद को खारिज किया है । अन्त में उनके द्वारा निगरानी निरस्त किये जाने का अनुरोध किया गया ।
04- पत्रावली देखने से स्पष्ट होता है कि वादग्रस्त भूमि 1377 से 1379, 1384 से 1386, 1387 से 1391 की खतौनी में बद्री पुत्र पुनवाशी के नाम दर्ज थी जिनमें मुद्दतकाश्त 1379 फसली भी दर्ज है । निगरानीकर्ता की ओर से अवर न्यायालय में मूल पट्टा भी दाखिल किया गया था, इससे भी इनके पक्ष में पट्टा होना प्रमाणित होता है । अवर न्यायालय में क्षेत्रीय लेखपाल दूधनाथ की आख्या भी प्रस्तुत हुई थी जिसमें कहा गया है कि इनका कृषि का पट्टा है तथा इनका नाम पुराने अभिलेखों में सीरदार/पट्टेदार अंकित रहा है, किन्तु अभिलेखों की गलती से इनका नाम छूट गया और भूमि नवीन परती की खाते में दर्ज हो गयी । लेखपाल के बयान में यह भी अंकित है कि इस भूमि पर मौके पर आबादी व मड़हा के रूप में बद्री का कब्जा है । अवर न्यायालय ने अपने आदेश में अंकित किया है कि निगरानीकर्ता भूमिहीन कृषक मजदूर की श्रेणी में नहीं आता है, भूमि पर पर्याप्त जोतने-बोने के सबूत नहीं है । निगरानीकर्ता का मड़हा रखकर कब्जा है जिसके आधार पर इनको लाभ नहीं प्राप्त हो सकता है । इनका नाम अविधिक रूप में अंकित था इस कारण इनको कोई लाभ दिया जाना संभव नहीं है । अवर न्यायालय ने वाद को धारा 49 से बाधित भी कहा है । अवर न्यायालय ने इसी आधार पर वाद बिन्दु संख्या 1, 2, 3 व 4 को निगरानीकर्ता के विरूद्ध निर्णीत किया है और इन 4 वाद बिन्दुओं के निर्णय के आधार पर वाद बिन्दु संख्या 7 को भी निगरानीकर्ता के विरूद्ध निर्णीत किया है । मेरे विचार में अवर न्यायालय की विवेचना विधि सम्मत् नहीं है । अवर न्यायालय में इसके पर्याप्त सबूत प्रस्तुत किये गये थे कि निगरानीकर्ता को भूमि का पट्टा हुआ था और इसके आधार पर कई वर्षों तक उसका नाम खतौनी में सीरदार के रूप में अंकित रहा । अवर न्यायालय ने यह विवेचना की है कि निगरानीकर्ता भूमिहीन कृषक मजदूर की श्रेणी में नहीं आता है एवं भूमि को पर्याप्त जोतने बोने के सबूत नहीं है। अवर न्यायालय का वाद अभिलेखों की दुरूस्ती के आधार पर घोषणात्मक वाद था । यह कोई पट्टा निरस्तीकरण का वाद नहीं था । ऐसी अवस्था में इस वाद में कब्जा किस तरह से है, इसकी विवेचना का कोई व्यापक औचित्य नहीं था साथ ही यह भी स्पष्ट है कि कोई भूमिधर आबादी बनाकर भी रह सकता है । इस दृष्टि से भी अवर न्यायालय की विवेचना उचित नहीं थी । अवर न्यायालय ने वाद को धारा 49 से इस आधार पर बाधित कहा है कि निगरानीकर्ता ने ऐसा कोई साक्ष्य अवर न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया था कि ग्राम में निगरानीकर्ता का नाम खारिज होने और घोषणात्मक वाद योजित होने के मध्य कोई चकबन्दी क्रियाएं नहीं चली । मेरे विचार में यह वाद बिन्दु उ0प्र0 सरकार के प्रतिवाद पत्र के आधार पर बनाया गया था, इसलिए इसे सिद्ध करने का दायित्व उत्तर प्रदेश सरकार का था, किन्तु उ0प्र0 सरकार की ओर से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया गया जिससे यह साबित हो कि इस दौरान ग्राम में चकबन्दी क्रियाएं चली थीं । ऐसी दशा में अवर न्यायालय की इस वाद बिन्दु के सम्बन्ध की विवेचना भी उचित नहीं है । मेरे विचार में वाद बिन्दु संख्या 1, 2, 3 व 4 निगरानीकर्ता के पक्ष में निर्णीत होने चाहिए, किन्तु अवर न्यायालय ने गलत व्याख्या करते हुए इन्हें निगराकर्ता के विरूद्ध निर्णीत कर दिया । वाद बिन्दु संख्या 7 का निस्तारण अवर न्यायायलय ने वाद बिन्दु संख्या 1, 2, 3, व 4 के निर्णय के अनुसार किया था । वर्तमान विवेचना से इस वाद बिन्दु को भी निगरानीकर्ता के पक्ष में निर्णीत किया जाना उचित होगा । अवर न्यायालय ने वाद संख्या 8 व 9 को भी सही रूप में निर्णीत नहीं किया है । स्पष्ट है कि भूमि पूर्व में निगरानीकर्ता के नाम अंकित थी जो त्रुटिवश खारिज हो गयी । इसलिए इन वाद बिन्दुओं को भी निगरानीकर्ता के पक्ष में निर्णीत किया जाना उचित होगा । अतः अवर न्यायालय का आक्षेपित आदेश नियम संगत प्रतीत नहीं होता है और निरस्त होने योग्य है । साथ ही निगरानीकर्ता का दावा उचित है तथा अवर न्यायालय में साक्ष्यों से सिद्ध किया गया है, इसलिए वाद को डिक्री किया जाना उचित होगा । इस न्यायालय में चल रही निगरानी के दौरान निगरानीकर्ता बद्री की मृत्यु हो गयी थी तथा उनके स्थान पर उनके पुत्र कतवारू तथा उनकी पत्नी श्रीमती परूषोतमा देवी को प्रतिस्थापित किया जा चुका है, इसलिए अभिलेखों में इनका नाम संक्रमणीय भूमिधर के रूप में दर्ज किये जाने का आदेश देना एवं इनके पक्ष में वाद को डिक्री किया जाना उचित प्रतीत होता है।
5- उपर्युक्त विवेचना एवं वर्णित तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में यह निगरानी स्वीकार की जाती है तथा अवर न्यायालय का आदेश निरस्त किया जाता है एवं निगरानीकर्ता के वाद को डिक्री करते हुए आदेश दिया जाता है कि अभिलेखों में कतवारू पुत्र बद्री तथा पुरूषोत्तमा देवी पत्नी बद्री का नाम बतौर संक्रमणीय भूमिधर अंकित किया जाय । र0का0 1430 फसली- आदेशानुसार उपजिलाधिकारी केराकत दिनांक 30-08-2023 के अनुपालन में प्रार्थना पत्र अतवारू पुत्र बद्री ग्राम-लोहराखोर परगना व तहसील केराकत जौनपुर के साथ संलग्न नकल अपर आयुक्त, न्यायिक (प्रथम) वाद संख्या C2006140000895 बद्री बनाम गांवसभा अन्तर्गत धारा- 333, अधिनियम उ0प्र0ज0वि0भू0व्य0अधिनियम, 1950 आदेश तिथि 16-02-2022 को आदेश हुआ कि प्रश्नगत निगरानी वाद संख्या 295/172 सन 2005-06 क0 वाद संख्या सी 2006140000895 बद्री बनाम गाॅवसभा में इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश दि0-13-12-2019 में जहाॅ जहाॅ कतवारू के जगह अतवारू टंकित करते हुये संशोधित करने के प्रार्थना पत्र दि0-28-10-21 पर विद्वान अधिवक्ता को सुना गया। उ0 प्र0 रा0 न्या0 संग्रह 2016 के नियम 460 सपठित एवं धारा 152 सी पी सी में पठित प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुये प्रश्नगत निगरानी में पारित आदेश दिनांक 13-12-19 में जहाॅ जहाॅ कतवारू है, वहाॅ-वहाॅ अतवारू संशोधित करते हुये पढ़ा जाय। यह आदेश मूल आदेश दिनांक 13-12-19 का अंग होगा। र0का0 |
00438 | |||||||||||||
कुल योग खाता- | 30 | 1.3050 | 0.0 | ||||||||||||||||
श्रेणीवार कुल योग | 30 | 1.3050 | 0.00 | ||||||||||||||||
5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि। | |||||||||||||||||||
00443 |
वंजर / 0000 / नि. ग्राम |
000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 |
15मि0 18 55 90 94मि0 96मि0 103मि0 122 126मि0 165 186 192मि0 318 519मि0 532मि0 678 358 |
0.0400 0.0080 0.0320 0.0280 0.0650 0.0360 0.2850 0.0120 0.0120 0.0160 0.1050 0.0040 0.0160 0.0650 0.1580 0.0400 0.0400 |
00439 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 17 | 0.9620 | 0.0 | ||||||||||||||||
श्रेणीवार कुल योग | 17 | 0.9620 | 0.00 | ||||||||||||||||
5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद ) | |||||||||||||||||||
6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि । | |||||||||||||||||||
00444 |
गडृढ़ा / 0000 / नि. ग्राम |
000 000 000 000 000 000 000 |
223 322 331 338 345 431 621 |
0.0490 0.0650 0.0320 0.0930 0.0690 0.0400 0.0120 |
00440 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 7 | 0.3600 | 0.0 | ||||||||||||||||
00445 |
जलाशय / 000 / नि. ग्राम |
000 |
583 |
0.0890 |
00441 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.0890 | 0.0 | ||||||||||||||||
00446 |
नाली / 0000 / नि. ग्राम |
000 000 000 000 000 |
106 390 394 572 573 |
0.1170 0.0160 0.1380 0.0280 0.0040 |
00442 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 5 | 0.3030 | 0.0 | ||||||||||||||||
00447 |
पोखरी / 00 / नि. ग्राम |
000 000 |
400 582 |
0.1050 0.0320 |
00443 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 2 | 0.1370 | 0.0 | ||||||||||||||||
00448 |
राजकीय नहर ग्रुप विभाग / 0000 / नि. ग्राम |
000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 |
63मि0 124 125मि0 127मि0 128मि0 129मि0 158मि0 159मि0 162मि0 163मि0 164मि0 166मि0 178मि0 179मि0 197मि0 198मि0 128/751. |
0.1500 0.1500 0.0040 0.1170 0.0080 0.0490 0.0930 0.0040 0.0040 0.0040 0.0160 0.0690 0.0240 0.0750 0.0320 0.0040 0.0140 |
. |
00444 | |||||||||||||
कुल योग खाता- | 17 | 0.8170 | 0.0 | ||||||||||||||||
श्रेणीवार कुल योग | 32 | 1.7060 | 0.00 | ||||||||||||||||
6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो। | |||||||||||||||||||
00449 |
आवादी / 0000 / नि. ग्राम |
000 000 000 000 000 000 000 000 |
232 330 341 354 435 451 606 644मि0 437 519स0 529 403मि0 |
1.1170 0.4290 0.2470 0.7290 0.0160 0.0200 0.0490 0.1500 0.0240 0.0320 0.0400 0.0570 |
00445 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 12 | 2.9100 | 0.0 | ||||||||||||||||
00450 |
खलिहान / 000 / नि. ग्राम |
000 000 000 |
231 339 352 |
0.0530 0.0160 0.0080 |
00446 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 3 | 0.0770 | 0.0 | ||||||||||||||||
00451 |
खाद गड़ढा / 000 / नि. ग्राम |
000 000 |
349 409 |
0.0160 0.0650 |
. |
00448 | |||||||||||||
कुल योग खाता- | 2 | 0.0810 | 0.0 | ||||||||||||||||
00452 |
खेल का मैदान / 000 / नि. ग्राम |
0000 |
524 |
0.1210 |
00447 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.1210 | 0.0 | ||||||||||||||||
00453 |
चकमार्ग / 0000 / नि. ग्राम |
000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 000 |
43 49 131 154 190 200 210 216 241 243 265 291 294 365 373 396 420 438 645 663 676 686 708 715 717 723 725 733 244/754 |
0.0200 0.0650 0.0080 0.1090 0.0450 0.0730 0.0650 0.0240 0.0280 0.1010 0.0610 0.0160 0.0200 0.0570 0.0890 0.1090 0.0530 0.0360 0.0080 0.0320 0.0610 0.0490 0.0240 0.1010 0.0360 0.0120 0.0280 0.0490 0.0490 |
00449 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 29 | 1.4280 | 0.0 | ||||||||||||||||
00454 |
देवस्थान / 000 / नि. ग्राम |
000 000 000 000 000 000 |
401 520 610 618 726 728 |
0.0160 0.0970 0.0120 0.0120 0.0200 0.0120 |
00450 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 6 | 0.1690 | 0.0 | ||||||||||||||||
00455 |
रास्ता / 000 / नि. ग्राम |
000 000 000 000 000 000 000 |
282 287 497 500 501 522 566 |
0.0240 0.0650 0.0400 0.0610 0.0890 0.0610 0.1090 |
. |
00451 | |||||||||||||
कुल योग खाता- | 7 | 0.4490 | 0.0 | ||||||||||||||||
00456 |
सौरियाहा / 000 / नि. ग्राम |
000 |
423 |
0.0240 |
. |
00453 | |||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.0240 | 0.0 | ||||||||||||||||
00457 |
स्कू ल / 000 / नि. ग्राम |
000 |
523 |
0.2430 |
00452 | ||||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.2430 | 0.0 | ||||||||||||||||
00482 |
--- / --- / --- |
1429फसली |
564मि |
0.0200 |
1423फ0-आदेशानुसार रा0नि0 डोभी प0क011ख पर दिनांक 27-05-16 को आदेश हुआ कि खता सं0 366 पर मृतक खातेदार मनराज के स्थान पर राजेश ,उमेश , दिनेश व रामअवध पुत्रगण मनराज नि0 जरासी का नाम बतौर वारिस दर्ज हो । र0का0 27-05-16 . 1429 फसली - आदेशानुसार उपजिलाधिकारी केराकत जौनपुर वाद सं0 T202114360504680 सुमन बनामा गांव सभा अंतर्गत धारा 67(क) अधिनियम उत्तर प्रदेश राजस्व संहिजा 2006 दिनांक 26-10-2021 को आदेश हुआ कि ग्राम लोहराखोर, परगना व तहसील-केराकत जिला-जौनपुर की खतौनी फसली सन 1428 लगायत 1433 के खाता सं0 425 के आराजी नं0 564/0.202 हे0 के रकबा 0.020 हे0 से हरिहर पुत्र रामनन्दन, धनराज, धर्मदेव पुत्रगण दीपई व राजेेश, उमेश, दिनेश व रामअवध पुत्रगण मनराज का नाम निरस्त करते हुए आबादी श्रेणी 6(2) दर्ज किया जाता है । र0 का0 |
null | |||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.0200 | 0.0 | ||||||||||||||||
श्रेणीवार कुल योग | 63 | 5.5220 | 0.00 | ||||||||||||||||
6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो। | |||||||||||||||||||
00458 |
कब््िरास्तान / 000 / नि. ग्राम |
000 000 |
601 602 |
0.0970 0.0610 |
. . |
00454 | |||||||||||||
कुल योग खाता- | 2 | 0.1580 | 0.0 | ||||||||||||||||
श्रेणीवार कुल योग | 2 | 0.1580 | 0.00 | ||||||||||||||||
6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो । | |||||||||||||||||||
00459 |
भीटा / 000 / नि. ग्राम |
000 |
485 |
0.0930 |
. . |
00455 | |||||||||||||
कुल योग खाता- | 1 | 0.0930 | 0.0 | ||||||||||||||||
श्रेणीवार कुल योग | 1 | 0.0930 | 0.00 | ||||||||||||||||
कुल योग खतौनी- | 149 | 10.0170 | 1.00 | ||||||||||||||||
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यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है। |